भारत में कितने प्रकार के इन्शुरन्स/बीमा होते है?

How many types of insurance in India | आज के इस ब्लॉग-पोस्ट में बताऊंगा कि इन्शुरन्स/बीमा कितने प्रकार के होते है और इन्शुरन्स लेने के क्या फायदे और क्या नुक्सान होते है

आजकल लगभग सभी लोग इन्शुरन्स कराते है, अपनी बाइक का, कार का, घर का, मोबाइल का यहाँ तक कि अपने पालतू जानवरों का भी इन्शुरन्स कराते है।

इन्शुरन्स कंपनी के एजेंट्स लोगो पर काफी दबाव बनाते है कि वे कोई पॉलिसी खरीद ले तो ऐसे में ये जानना बहुत जरुरी हो जाता है कि आखिर इन्शुरन्स होता क्या है?


सरल शब्दों में कहे तो इन्शुरन्स या बीमा का मतलब होता है किसी कंपनी के द्वारा आपके हुए नुक्सान, एक्सीडेंट या मृत्यु पर आपको या आपके परिवार को आर्थिक सहायता देने की गारंटी

बीमा का सीधा मतलब होता है आपके किसी भी नुक्सान का भरपाई करना, जैसे अगर आपने अपना जीवन बीमा कराया हुआ है और आपके साथ कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो जीवन बीमा कंपनी आपको हुई नुक्सान का भरपाई करती है जिसमे Disabled या अपंग हो जाने पर या मृत्यु हो जाने पर या कोई साधारण सा एक्सीडेंट हो जाने पर आपको कुछ पेमेंट दी जाती है जिसकी राशि आपके बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती है।

जितने ज्यादा रकम की आपकी बीमा पॉलिसी होती है उतना ही ज्यादा आपको कवर मिलता है। आजकल लगभग हर एक चीज़ का बीमा होने लगा है हर एक चीज़ की अपनी अलग पॉलिसी होती है जिसमे ये बताया जाता है कि आपको नुक्सान होने पर कितने नुक्सान की भरपाई दी जाएगी ये सबकुछ पॉलिसी के हिसाब से बताया जाता है।

अगर आप अलग-अलग कंपनियो के पॉलिसी को चेक करना चाहते है तो आप Policybazaar की वेबसाइट पर जाकर किसी भी कंपनी की बीमा पॉलिसी को चेक कर सकते है और दूसरी कंपनी के पॉलिसी के साथ Compare भी कर सकते है।

इन्शुरन्स कितने तरह के होते है?

इन्शुरन्स कई तरह के होते है और सभी के प्लान्स और पॉलिसी भी अलग-अलग होते है। सबसे पहला होता है जीवन बीमा (Life Insurance) जो भी व्यक्ति ये पॉलिसी लेता है उसकी मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार या उसने जो भी Nominee चुना है उसको उसके Claim की पेमेंट रूल के अनुसार, पॉलिसी के हिसाब से दे दी जाती है।

इस तरह के इन्शुरन्स लोग अपने परिवार के लिए ही कराते है ताकि अगर उन्हें कुछ हो जाता है, तो उनके परिवार को कुछ आर्थिक सहायता हो जाये और तत्काल उन्हें पैसो की किल्लत से गुजरना ना पड़े।

मेडिकल/हेल्थ इन्शुरन्स (Health Insurance)

मेडिकल इन्शुरन्स में एक तय की गयी राशि जमा की जाती है और अगर उस आदमी को जिसने ये पॉलिसी ली है, उसे कोई बिमारी हो जाती है तो उसका सारा खर्चा इन्शुरन्स कंपनी उठाती है। ये पॉलिसी काफी जरुरी होती है क्योंकि किसी भी इंसान की हेल्थ हर साल में कभी न कभी खराब हो ही जाती है।

इस तरह के पॉलिसी में कंपनी हर साल रेगुलर चेकअप का भी खर्चा देती है, आजकल खाने पिने की वजह से तबीयत ख़राब हो जाना ये एक आम बात होती है और अगर आपके पास हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी है तो आप मेडिकल के खर्चे से बच सकते है। मेडिकल में दवाइयों का खर्चा और अगर ऑपरेशन होता है तो उसका खर्चा भी शामिल होता है।

ऑटो इन्शुरन्स (Auto Insurance)

आजकल लगभग हर किसी के पास मोटर साइकिल, बाइक या कार है जिसका इन्शुरन्स कराना काफी जरुरी होता है। अगर आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है या आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है, तो उस वक़्त इन्शुरन्स कंपनी आपको अपनी गाड़ी ठीक कराने के लिए या दुर्घटना के खर्चे को पूरा करने के लिए Claim देती है।

कुछ गाडियों के लिए 3rd पार्टी बीमा भी किया जाता है जिसमे गाड़ी चलाने वाले ड्राईवर या फिर पैदल चलने वाले लोग भी बीमा Claim कर सकते है। इस तरह का बीमा बहुत ही जरुरी होता है क्योंकि हम इतना मेहनत करके पैसे जमा करके कोई गाड़ी खरीदते है और अगर कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो उसे ठीक करने के लिए अलग से पैसे चाहिए होते है ऐसे में अगर आपने अपनी गाड़ी का इन्शुरन्स कराया हुआ है तो पूरा खर्चा इन्शुरन्स कंपनी देती है।

होम इन्शुरन्स (Home Insurance)

होम इन्शुरन्स में आपके घर की बिल्डिंग, आपके सामान के अनुसार पॉलिसी बनाई जाती है। इसमें बीमा कंपनी घर और सामान दोनों चीजो के नुकसान होने पर या किसी भी तरह के एक्सीडेंट होने पर आपको Claim देती है।

अगर आपके घर में आग लग जाती है या कोई एक्सीडेंट हो जाता है, आपका सामान चोरी हो जाता है या किसी भी तरह की कोई और दुर्घटना हो जाती है तो कंपनी आपको Claim देती है।

ट्रेवल इन्शुरन्स (Travel Insurance)

अगर आप travelling यानि यात्रा काफी ज्यादा करते है, फैमिली के साथ कहीं आते जाते ही रहते है तो ट्रेवल इन्शुरन्स करना आपके लिए काफी जरुरी होता है। अगर आप कहीं सफ़र पर जाते है और कोई दुर्घटना घट जाती है तो उसकी भरपाई इन्शुरन्स कंपनी करेगी।

फसल बीमा (Crop Insurance)

यह बीमा सिर्फ किसानो के लिए बनाया गया है और किसानो को इसे हर फसल के लिए जरुर करवाना चाहिए क्योंकि मौसम का कभी कोई भरोसा नही होता है कि कब आपकी फसल पर कोई आपत्ति आ जाये।

अगर आप अपनी फसल का बीमा करवा लेते है तो आप बिना कोई चिंता किये खेती कर सकते है अगर बारिश या फिर किसी और कारण से आपकी फसल ख़राब हो जाती है तो बीमा कंपनी आपको हुई नुक्सान का भरपाई करती है।

पालतू बीमा (Pet Insurance)

यह बीमा आप अपने घर के किसी भी पालतू जानवर का करवा सकते है अगर आप अपने घर में गाय या भैसे पालते है तो उनका भी बीमा करवा सकते है और अगर आप कोई कुत्ता या बिल्ली पालते है तो उसका भी बीमा करवा सकते है।

इन सब के बाद भी कई सारे इन्शुरन्स और होते है जैसे कि पॉलिटिकल रिस्क के लिए भी इन्शुरन्स कराया जाता है और विवाह का भी इन्शुरन्स कराया जाता है।

इन्शुरन्स कराने के फायदे (Pros of Insurance)

लोग इन्शुरन्स इसीलिए करवाते है ताकि अगर उनका कोई नुक्सान हो तो कंपनी उसकी भरपाई करे, जिस चीज़ का भी इन्शुरन्स कराया जाता है वो अगर खराब हो जाती है या चोरी हो जाती है तो इन्शुरन्स कंपनी उसकी भरपाई करती है।

इसी तरह से अगर आप लाइफ इन्शुरन्स करवाते है और आपके साथ कोई दुर्घटना घट जाती है या आपकी मृत्यु हो जाती है और आपके परिवार के पास कोई इनकम सोर्स नही होता है, उस Condition में लाइफ इन्शुरन्स काफी फायदेमंद होता है।

इसी तरह से अगर आपके पास कार या बाइक है और उससे कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो एक्सीडेंट में जितना भी नुक्सान होता है उसकी भरपाई इन्शुरन्स कंपनी करती है।

Vehicle Insurance आमतौर पर दो तरह के होते है एक 3rd पार्टी इन्शुरन्स और एक फुल पार्टी इन्शुरन्स। 3rd पार्टी इन्शुरन्स में आपकी कार या बाइक से जिस व्यक्ति का एक्सीडेंट होता है कंपनी उसको Claim देती है, और फुल पार्टी इन्शुरन्स में आपकी बाइक या कार और ड्राईवर को भी शामिल किया जाता है। इन्शुरन्स लेने का एक फायदा ये होता है कि पॉलिसी के लिए अगर आप कोई लोन लेते है तो वह इनकम टैक्स फ्री होता है।

इन्शुरन्स कराने के नुक्सान (Cons of Insurance)

जहां इन्शुरन्स लेने के काफी सारे फायदे होते है वहीं इन्शुरन्स लेने के कई सारे नुक्सान भी होते है सबसे पहला नुक्सान ये है कि पॉलिसी के ख़त्म होने तक आपको पैसे देने पड़ते है तभी आप Claim कर सकते है।

दूसरा नुक्सान ये है कि अगर आप पॉलिसी सरेंडर करते है यानि पॉलिसी को आप वापस करना चाहते है तो आपको पूरे पैसे नहीं मिलेंगे जितने आपने दिए है।

तीसरा नुक्सान ये है कि लाइफ इन्शुरन्स में पैसे रिटर्न नही होते है यानि अगर आपने कोई लाइफ इन्शुरन्स लिया है और बाद में कभी आपका मूड बदल जाता है और आप लाइफ इन्शुरन्स को वापस करना चाहते है तो आपको पैसे वापस नही मिलेंगे।

अगर आपने मेडिकल या हेल्थ इन्शुरन्स कराया हुआ है तो आपको उसको हर साल रिन्यूअल करना पड़ेगा यानि अगर आपने एक साल के लिए मेडिकल या हेल्थ इन्शुरन्स करवा लिया है और आपको उस साल कोई भी बिमारी नहीं हुई है तो आप कुछ भी claim नही कर पाएंगे और आपने जो भी पैसा खर्च किया है इन्शुरन्स लेने में वो बेकार हो जायेगा।

इसी तरह से आपको दोबारा से वही मेडिकल या हेल्थ इन्शुरन्स लेना पड़ेगा क्योंकि पहला वाला एक साल में समाप्त (Expire) हो चुका होता है।

पोस्ट में दी गयी जानकारी लाभदायक लगने पर इसे शेयर कर लोगो के बीच जागरूकता लाये।

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