टॉप 10 भारतीय ब्रांड जो नाम से लगते है विदेशी

Top 10 Indian Brands with Foreign Name | दस ऐसे कंपनी जिनकी ब्रांड का नाम विदेशी है लेकिन जो कि वास्तव में पूरी तरह से भारतीय है, आज मै आपको 10 ऐसे ब्रांड्स के बारे में बताऊंगा जो कि सिर्फ नाम से ही विदेशी है। लेकिन जैसे कहते है न “दिल है हिन्दुस्तानी” यानि कि मालिक है हिन्दुस्तानी, तो चलिए जान लेते है वे कौन से ब्रांड है जिनके नाम है विदेशी लेकिन है बिलकुल हिन्दुस्तानी।

Peter England (पीटर इंग्लैंड)

नाम से तो ये पक्का अंग्रेजी ब्रांड लगता है किन्तु आपको यह जानकर खुशी होगी कि यह 100% भारतीय ब्रांड है क्योंकि इस ब्रांड के अंतरराष्ट्रीय अधिकार हमारे अपने सारी दुनिया में मशहूर आदित्य बिरला ग्रुप ने साल 2000 में खरीद लिए थे। 

आप अगर सिले-सिलाये कपड़े पहनने के शौकीन है तो आप Peter England ब्रांड के कपड़े अवश्य पहनते होंगे और अगर नही पहनते है तो भी आपने ये नाम जरूर सुना ही होगा। कही न कही इसकी शानदार होर्डिंग्स देखी होगी, हर शहर के मुख्य बाजार और मॉल में इसके शोरूम अवश्य देखे होंगे। 

क्या आपको मालूम है इस ब्रांड में केवल पुरुषो के उपयोग के कपड़े उपलब्ध है और वो भी हर मौके के लिए हर एक स्टाइल में। अपनी सारी दुनिया में फैले वितरकों और दुकानों के जाल से हर वर्ष ये ब्रांड करीब 40 लाख जोड़े कपड़े बेच रहा है साथ ही अपना और हमारे देश का नाम रौशन कर रहा है।

Royal Enfield (रॉयल एन्फील्ड)

यह दूसरा 100% भारतीय ब्रांड है जिसे कि लोग विदेशी ब्रांड समझते है, जबकि कम से कम 1971 से इसका मालिक भारत का ही Eicher Group है। इसका सबसे प्रसिद्ध उत्पाद बुलेट 350 अपने चेन्नई में वर्ष 1955 से आज तक बिना रुके बनाया जा रहा है, साथ ही दुनिया का सबसे पुराना लगातार बनने वाला मोटरसाइकिल ब्रांड है। 

वर्ष 2016 में इस ब्रांड ने 6,66,493 मोटरसाइकलें बेचीं थी जो कि ग्राहकों में इसके प्रति अटूट विश्वास का सबूत है। आज चेन्नई में इसके तीन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है जिनमे बुलेट 350 और बुलेट 500 के अलावा क्लासिक 350थंडरबर्ड 350 और 500 जैसे तमाम मॉडल बनाये जा रहे है।

Louis Philippe (लुइस फिलिप्पी)

यह भी एक भारतीय ब्रांड है जो कि Madura Fashion & Lifestyle का उत्पाद है, आपको बता दे मदुरा फैशन और लाइफस्टाइल आदित्य बिरला ग्रुप का एक हिस्सा है। ये भी केवल पुरुषो के लिए ही पोशाके बनाते है और बेचते है। इनके उत्पाद सारी दुनिया में बेचा जाता है और अपने ग्राहकों की बेहतर सेवा के लिए ये ब्रांड एक फैशन पत्रिका The Label भी निकालती है।

Jaguar (जैगुआर)

कल तक ब्रिटेन की शान जैगुआर कार कंपनी वर्ष 2007 में भारत के महान औद्योगिक और सबसे बड़े ऑटोमोबाइल उत्पादक टाटा मोटर्स की और उनके द्वारा इस देश की शान बन गयी है और अब टाटा मोटर के अधीन जैगुआरलैंडरोवर कंपनी में इंग्लैंड में ही बनाई जा रही है और सारी दुनिया में बेचीं जा रही है। 

आज ये कंपनी अपने 83,000 कर्मचारियों की मदद से करीब 2 लाख 64 हज़ार करोड़ रुपये की 6 लाख कारे प्रतिवर्ष बेच रही है। कुछ साल पहले तक क्या कोई सोच सकता था कि 200 साल तक अंग्रेजो की गुलामी कर चुका ये देश 43,000 अंग्रेजो को रोजी-रोटी देगा ?  ये हम सब के लिए गर्व की बात है।

MRF (एमआरएफ)

अब हम आपको MRF टायर कंपनी के बारे में बतायेंगे जिसका Ad करते हुये सचिन तेंदुलकर को आपने अवश्य देखा होगा। यह एक ऐसी कंपनी है जो कि शुरू से ही एक भारतीय K.M. Mammen Mappillai ने वर्ष 1946 में आज के चेन्नई में स्थपित की और तभी से ये कंपनी इस परिवार के पास है। 

ये कंपनी आज भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की 14वे नंबर की कंपनी है। वैसे तो इसका मुख्यालय पुराने मद्रास और आज की चेन्नई में स्थित है किन्तु इसकी कई फैक्ट्रिया चेन्नई, पोंडिचेरी और गोवा में स्थित है। आज ये दुनिया की जानी मानी भारतीय कंपनी है और भारी ट्रको से लेकर स्कूटरों तक के टायर बना रही है। आज 16,000 कर्मचारियों के साथ इस कंपनी की सालाना आमदनी 900 करोड़ रुपये से भी अधिक है।

Titan (टाइटन)

हिंदी में टाइटन शब्द का अर्थ है “अपने क्षेत्र में असाधारण” जैसे की भारतीय उद्योगपतियों में टाटा। टाटा ने एक ब्रांड निकाला जिसका नाम अपने हैसियत के अनुरूप टाइटन रखा। 

इस ब्रांड के अंतर्गत Titan कलाई घड़िया, तनिष्क सोने और हीरे के ज़ेवर, Sunglases इत्यादि बनाये जाते है और देश विदेश में बेचे जाते है। चूँकि टाटा का नाम ही गुणवत्ता का वादा है इसीलिए ये सब उत्पाद अपने क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है। इस ग्रुप की इस साल की बिक्री 15,448 करोड़ रुपये की थी।

Lakme (लैक्मे)

अभी तक हमने आपको भारत के ब्रांडेड कपड़े, कार, मोटर साइकिल, उनके लिए टायर्स और हाथ घड़ी के बारे में बताया जिनके ब्रांड अंग्रेजी लगते है लेकिन ये सभी चीजे आदमियों के उपयोग की है। 

लेकिन अगर आप शादीशुदा है और बीवी को नाराज़ करने का जोखिम नही उठाना चाहते तो उनके लिए भी अंग्रेजी नाम वाली ऐसी ही कोई हिंदुस्तानी चीज खरीदनी होगी। 

तो उनके लिए कुछ श्रृंगार सामग्री लेते चलिए, आपकी पत्नी खुश हो जायेंगी और जब लेना ही है तो Lakme की सामग्री लीजिये। नाम अंग्रेजी पर ब्रांड बेशक हिंदुस्तानी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर की Quality प्रोडक्ट। जी हाँ, ये पूरी तरह से हिंदुस्तानी ब्रांड है और टाटा ग्रुप की कंपनी Unilever का उत्पाद है।

Larsen & Toubro (लार्सन एंड टूब्रो)

लार्सन एंड टूब्रो यानि L&T, ऐसा कौन पढ़ा-लिखा आदमी होगा जिसने इस कंपनी का नाम नही सुना होगा। ये विदेशी लगने वाली कंपनी हिन्दुस्तानी बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो कि कॉर्पोरेट कंपनी की शानदार मिसाल है। इसके मालिक इसके शेयर होल्डर्स है और सबसे बड़ी शेयर होल्डर भारतीय जीवन बिमा निगम यानि LIC है। 

यह कंपनी कंस्ट्रक्शन के कारोबार में है फिर वो चाहे रिहायशी कॉलोनी हो या हाईवे, मेट्रो रेल हो या फैक्ट्री। इनमे करीब 54,000 कर्मचारी काम करते है जिनमे कि 5400 महिलाये भी शामिल है। इसका मुख्यालय मुंबई में है और पिछले साल इसकी आमदनी करीब 1,19,683 करोड़ रुपये थी।

Cafe Coffee Day (कैफ़े कॉफ़ी डे)

कॉफ़ी पीनी है, तो चलिए आपको कैफ़े कॉफ़ी डे लिए चलते है यहीं पास में ही है। 

क्या कहा?  विदेशी ब्रांड की कॉफ़ी नहीं पियेंगे क्योंकि इससे आपकी देशभक्ति की भावना तो ठेस लगती है, आप निश्चिन्त रहिये इससे आपकी देशभक्ति की भावना को बिलकुल ठेस नहीं लगेगी बल्कि आपको गर्व ही होगा। 

ये नाम से विदेशी लगने वाला और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉफ़ी बनाने वाला ये ब्रांड वास्तव में 100% देसी है। इसके मालिक V.G. Siddhartha का कर्नाटक के चिक्कमगलूर में 1000 एकड़ जमीन पर फैले हुए कॉफ़ी बगान है और भारत के 29 राज्यों में कम से कम 1600 ऑउटलेट्स (Store) है। 

अब तो आपको विश्वास हुआ ना कि कैफ़े कॉफ़ी डे में कॉफ़ी पीने से ना तो आपका पैसा विदेश जाने वाला है और ना ही आपकी देशभक्ति की भावना पर कोई आंच आने वाला है।

Pidilite (पीडीलाइट)

पिडिलाइट इंडस्ट्री द्वारा बनाया गया Fevicol एक ऐसा चिपकाने वाला उत्पाद है जिसकी पैकिंग पर ही उसकी ताकत के प्रति दो हाथी बने है जो मिलकर भी इसका जोड़ नही तोड़ सकते। 

आपने इनका वो Ad अवश्य देखा होगा जिसमे एक परिवार की कई पीढ़िया एक साथ रह रहे है और आपस में सब ऐसे जुड़े है कि जैसे फेविकोल का जोड़ हो। 

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने कभी फेविकोल का उपयोग ना किया हो। टूटे हुए डेकोरेशन का सामान हो या लकड़ी का फर्नीचर, बच्चो के खिलौने या कोई और सामान हो टूटने पर जोड़ने के लिए सब फेविकोल या फेवीक्विक (Fevikwik) ही ढूंढ़ते है। 

देखने सुनने में अंग्रेजी लगने वाला ये ब्रांड भी हिन्दुस्तानी है जिसे श्री बलवंत पारेख ने मुंबई में स्थपित किया और उनके बड़े सुपुत्र मधुकर पारेख ने आगे बढ़ाया। आज भारतीय बाजार में इस तरह के उत्पादो में ये सबसे आगे है। वर्ष 2015-16 में इसकी आमदनी करीब 5000 करोड़ रुपये थी।

दोस्तों ये थी 10 विदेशी नाम वाले देसी ब्रांड की कहानी, अब आप गर्व के साथ कह सकते है कि हमारा देश भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली चीजे बनाती है और सारी दुनिया में बेचती है। तो अब आप अपने गर्व की भावना अपने दोस्तों और परिजनों के साथ भी शेयर करे साथ ही अपने विचार भी कमेंट में बताये।



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